मंगलवार, 31 मई 2011

आज मंगलवार हे.. महावीर का वार हे..













आज मंगलवार हे.. महावीर का वार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.. उसका बेडा पार हे..
चैत सुदी पूनम मंगल को.. जन्म वीर ने पाया हे..
लाल लंगोटा हाथ मे घोटा, सिर पर मुकट सजाया हे..
शंकर का अवतार हे, महावीर का वार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.

ब्रह्माजी से ब्रह्म ज्ञान का, बल भी तुमने पाया हे..
राम काज शिवशंकर ने, बानर का रूप धराया हे..
लीला अपरम्पार हे, महावीर का वार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.

पूरब माही लाली छाई, बजरंग को मन ललचायो हे..
गोद छोड़ जल्दी से ध्यायो.. सूरज मुख मे छिपायो हे..
बल का नहीं खुमार हे, महावीर का वार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.

देवाद्ल स्तुति कीनी, पवन देव संग आयो हे..
छोड्यो सूरज हुए उजालो, जय जैकार मनायो हे..
देव दिया वरदान हे.. महावीर को वार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.

बालपन मे महावीर ने , हरदम उधम मचाया हे..
श्राप दिया ऋषियो ने तुमको, बल का ध्यान भुलाया हे..
राम नाम आधार हे.. महावीर का वार हे
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.

राम तिलक जब हुआ अयोध्या, कैसा नाच दिखाया हे..
कहा राम ने लक्ष्मण से, यह बानर मन को भाया हे..
राम चरण से प्यार हे.. महावीर का वार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.

पंचवटी से सीता को जब, रावण लेकर आया हे..
लंका मे जाकर फिर तुमने, माता का पता लगाया हे..
अक्षेय को दिया मार हे, महावीर का वार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.

मेघनाथ ने ब्रह्मपाश मे, तुमने आन फंसया हे..
ब्रेह्म्पाश मे फंस करके, ब्रह्मा का मान बढाया हे..
बजरंग की बांकी मार हे.. महावीर का वार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.

लंका जलाई आपने तब, रावण भी घबराया हे..
श्री रामचंदर को आकर, दिया सन्देश सुनाया हे..
सीता शोक अपार हे, महावीर का वार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.

शक्ति-बाण लग्यो लक्ष्मण के, बूटी लाने धाये हे..
संजीवन बूटी लाकर, लक्ष्मण के प्राण बचाए हे..
राम-लखन का प्यार हे, महावीर का वार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.

राम चरण मे महावीर ने, हरदम ध्यान लगाया हे..
राम तिलक मे महावीर ने, सीना फाड़ दिखाया हे..
सीने मे सीता राम हे, मन मे प्रेम अपार हे..
सच्चे मन से ध्यान लगा लो.. तेरा बेडा पार हे..
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे.







बोलो सियावर राम जय जय राम
बोलो जय बजरंगबली की जय..
बोलो माँ वैष्णोदेवी की जय..
बोलो माँ राज रानी की जय..
हर हर महादेव..

Sanjay Mehta


कोई टिप्पणी नहीं: