मंगलवार, 10 मई 2011

|| अब तुम दया करो.. ||









|| अब तुम दया करो.. ||

अब तुम दया करो हनुमान जी.. बिगड़ी को बनाने वाले..
बिगड़ी को बनाने वाले ओ लाल लंगोटे वाले..
अब तुम....

तुम राम काज अवतरे, मेहंदीपुर आन पधारे..
तुम रूद्र रूप मै आये, शंकर से हनु कहाए..
तेरे रोम रोम मे राम, बिगड़ी को बनाने वाले..
अब तुम...

तुम माता की सुध लाये, लंका को तुम्हे जलाये..
अक्षय को मार गिराए, रावण का मान घटाए..
तुम हो रामदूत हनुमान, बिगड़ी को बनाने वाले..
अब तुम..

लक्ष्मण को शक्ति लगी थी.. रामदल हाय मची थी..
संजीवनी लेकर आये, लक्ष्मण के प्राण बचाए
तुम संकट मोचन हो हनुमान, बिगड़ी को बनाने वाले..
अब तुम...

प्रभु को तुम जाये छुड़ाय, अहिरावण को मार गिराए..
प्रभु ह्रदय से तुम्हे लगाये, तुम राम भगत कहलाये..
तुम हो महावीर हनुमान , बिगड़ी को बनाने वाले..
अब तुम...

जग माया मे भरमाया, अज्ञान अँधेरा छाया
तुमने सदमार्ग दिखलाया, भवसागर पार लगया..
तुम हो अजर अम्र हनुमान, बिगड़ी को बनाने वाले..
अब तुम दया करो हनुमान जी, बिगड़ी को बनाने वाले..
बिगड़ी को बनाने वाले ओ लाल लंगोटे वाले..

जय वीर हनुमान जी की
जय सिया राम
हर हर महादेव


Sanjay Mehta