शुक्रवार, 6 मई 2011

सावन की बरसे बदरिया माँ की भीगे चुनरिया..







सावन की बरसे बदरिया माँ की भीगे चुनरिया..
भीगी चुनरिया माँ की भीगी चुनरिया..

लाल चुनड माँ की.. चम चम चमके,
माथे की बिंदिया भी , दम दम दमके..
हाथो मै झलके मुन्दरिया , माँ की भीगी चुनरिया..
सावन की बरसे बदरिया...

छाई हरियाली, झूमे अमवा की डाली,
होके मतवाली कूके, कोयलिया काली..
बादल मे कड़के बिजुरिया, माँ की भीगी चुनरिया..
सावन की बरसे बदरिया...

उचा भवन है तेरा , ऊचा है डेरा,
कैसे चडू उपर, पाँव फिसले है मेरा..
टेडी-मेडी है डगरिया.. माँ की भीगे चुनरिया..
सावन की बरसे बदरिया...


काली घटा पानी, भर भर के लाई..
झुला झूले है, वैष्णो माई..
भगतो पे माँ की नजरिया.. माँ की भीगे चुनरिया..
सावन की बरसे बदरिया...

♥ हरे कृष्णा ♥ हरे कृष्णा ♥ कृष्णा कृष्णा हरे हरे





Sanjay Mehta

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