मंगलवार, 3 मई 2011

|| लगी है कचहरी देखो ||







|| लगी है कचहरी देखो ||

लगी है कचहरी देखो बाबा घाटे वाले की..
बाबा घाटे वाले की, वो लाल लंगोटे वाले की..
दूर दूर से दुखिया आकर, द्वारे तेरे आते है..
आकर के वह अर्जी लगाते , मनवांछित फल पाते है..
बड़े प्रेम से मिलकर बोलो, जय हो घाटे वाले की..
लगी है कचहरी देखो

भूत प्रेत को मार लगाते, भगतो को गले लगाते है.
रोते रोते जो नर आते, हँसते हँसते जाते है.
लीला है अपार देखो, बाबा घाटे वाले की..
लगी है कचहरी देखो

अपने बल का ध्यान नहीं, ऋषियो ने तुम्हे भुलाया है..
भगतो ने निज दुःख सुनकर बल का ध्यान दिलाया है..
कैसी अजब कहानी देखो, बाबा घाटे वाले की..
लगी है कचहरी देखो

सीता जी का हरण हुआ , सुग्रीव से राम मिलाये थे..
लंका जलाई निश्चर मारे, माता की सुधि लाये थे..
महिमा है अपार देखो, बाबा घाटे वाले की..
लगी है कचहरी देखो

लक्ष्मण जी के जब शक्ति लगी, तब राघव जी घबराये थे..
रातोरात संजीवन लाकर, लक्ष्मण वीर जगाये थे..
शक्ति है अपार देखो, बाबा घाटे वाले की..
लगी है कचहरी देखो

राजतिलक जब हुआ राम का लंकापति भी आया था..
बात बात मै बहस हुई , तब सीना फाड़ दिखाया था..
भगति है अपार देखो, बाबा घाटे वाले की..
लगी है कचहरी देखो

"अवध बिहारी राम" के प्यारे, मेरी भी फरियाद सुनो..
चरण कमल की सेवा देकर रोग दोष से मुक्त करो..
कहता संजय पीड़ा हर लो , अपने प्यारे भगतो की..
लगी है कचहरी देखो

बोलो हरी हर की जय..
बोलो पवनपुत हनुमान की जय..
बोलो श्री राम की जय..
जय माता दी जी..

संजय मेहता

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