शनिवार, 14 मई 2011

नाच रहे शिवजी..








नाच रहे शिवजी..

आज तो कैलाश मे, बाज रहे डमरू,
नाच रहे शिवजी, बाँध रहे घुंघरू

शेष भी आये, शारद भी आये,
वीणा बजाते हुए, नारद भी आये...
दोनों ही पाँव मे, बाज रहे घुंघरू.
नाच रहे शिवजी, बाँध रहे घुंघरू

विष्णु भी आये, संग लक्ष्मी जी को लाये,
मोहन भी आये, संग राधा को लाये,
दोनों ही पाँव मे, बाज रहे घुंघरू.
नाच रहे शिवजी, बाँध रहे घुंघरू


शिवजी के डमरू की, देखो कैसी शान है,
मोहन की मुरली की, मीठी - मीठी तान है..
राधा, लक्ष्मी, पार्वती बाँध रही घुंघरू
दोनों ही पाँव मे, बाज रहे घुंघरू.
नाच रहे शिवजी, बाँध रहे घुंघरू


Sanjay Mehta


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