मंगलवार, 17 मई 2011

जगन्नाथ आपकी जय हो..







देव! जगन्नाथ आपकी जय हो..
योगियों के स्वामिन! योगिंदर! आपकी जय हो..
सबको सम्मान देनेवाले लक्ष्मीपते ...
आपकी जय हो... हरे! आपकी की जय हो..
विष्णुरूप येगेश्वर ..
और शिवरूप से यज्ञ-विन्ध्वसक
सनातन और सर्व-व्यापक परमेश्वर..
आपकी जय हो.. जय हो...
सर्वेश्वर ... अनंत... आपकी जय हो..
जयस्वरूप प्रभो.. आपको मेरा प्रणाम है..
ज्ञानवानो मे श्रेष्ठ.. आप की जय हो..
ज्ञान-नायक ... आपकी जय हो..
सब कुछ देनेवाले सरवग परमेश्वर..
आपकी जय हो..
सत्व्गुनो को उन्पन्न करनेवाले प्रभो...
आपकी जय हो..


Sanjay Mehta


कोई टिप्पणी नहीं: