शुक्रवार, 20 मई 2011

शाम तेरी बंसी हमे भी सुनादे











शाम तेरी बंसी हमे भी सुनादे

वो बचपन की लीला हमे भी दिखा दे

कई कंस फिर सर उठाये फिर रहे

कोरव भी है हाहाकार मचा रहे

ले अवतार फिर इनको तू मिटा दे

आ देवकी के लल्ला यशुदा के नंदन

फिर से तू सबको प्रेम करना सिखा दे

आ फिर से तू गोपिओ संग रास रचा ले

फोड़ मटकी तू फिर से माखन चुरा ले

आ फिर से तू राधा दीवानी बना दे

आ मीरा के गिरधर आ राधा के शाम

आ फिर से तू द्रोपदी का अस्तित्व बचा ले

लुट रही अबला नारी उसे तो पनाह दे

आ धर्म के रक्षक धर्म को बचाने

आ द्वारिका के राजा अर्जुन के सखा रे

आ गोकुल में फिर से तू गयियन चराने

ग्वालो के संग मिलके धूम मशीन

आ फिर से गो सेवा का ज्ञान सबको बताने

आज कट रही गों माता आ उसको बचाले

आज डूबे है हम सब लालच के भंवर में

कर रही है तबाह सब माया की आंधी

आ सब को इस तेज़ आंधी से बचा ले

आ गोवर्धन धारी फिर से गोवर्धन उठा ले

शाम तेरी बंसी हमे भी सुनादे

वो बचपन की लीला हमे भी दिखा दे

संजय मेहता

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