सोमवार, 31 जनवरी 2011

राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा

शनिवार, 29 जनवरी 2011

जागो हे जगदम्बे जागो हे ज्वाला

शुक्रवार, 28 जनवरी 2011

मंगलवार, 25 जनवरी 2011

शनिवार, 22 जनवरी 2011

चुडिया - चुडिया माँ जिंह चडायिया चुडिया

Jai Mata Di G Sanjay Mehta, Ludhiana

चुडिया - चुडिया माँ जिंह चडायिया चुडिया जिंह चडायिया चुडिया माँ जिंह चडायिया चुडिया उनाह दे आखिर दर ते आके आसा होइया पुरिया चुडिया चुडिया माँ....

चुन्निया -२ माँ जिंह चडायिया चुन्निया जिंह चडायिया चुन्निया माँ जिंह चडायिया चुन्निया उन्हा दी आकर के अरदासा माँ ने सुनिया चुन्निया - चुन्निया मा

झांझरा - जिंह चडायिया झांजरा , माँ जिंह चडायिया चंजरा उन दे दुःख दूर ने होए ठंडिया होइया आन्द्रा झांझरा -२ माँ जिंह

चुडा - चुडा माँ जिंह नाल लिआंदा चुडा उनह बचिया माँ तेरे नाल प्यार पालिया गुडा चुडा जिंह नाल लिआंदा चुडा...

मेहँदी - मेहँदी माँ जिंह चडाई मेहँदी जिंह चडाई मेहँदी माँ जिंह चढाई मेहँदी उन्हाह दे घर किसे चीज दी थोड ना पैंदी

सिन्दूर - माँ सिन्दूर जो लेके आये सिन्दूर माँ जो लेके आये सिन्दूर माँ, जो लेके आये सिन्दूर अख झाप्कड़े सारे उनह दे हो गए दुखड़े दूर माँ

झंडे माँ झंडे, जिंह चड़ाए झंडे उन्हा भागता नु तू मैया छत्ती पदार्थ वन्दे झंडे माँ जिन्हा....

छतर माँ छतर माँ जिंह चड़ाए छतर माँ ओना दे तू पवन रूप विच किते घर पवित्र माँ छतर माँ -२ जिन्हा चड़ाए छतर माँ

शुक्रवार, 21 जनवरी 2011

मै माफ़ी मांगने आया

गुरुवार, 20 जनवरी 2011

कंकर कंकर से मै पुछू शंकर मेरा कहा है

कंकर कंकर से मै पुछू शंकर मेरा कहा है कोई बताये .... कंकर कंकर से मै पुछू शंकर मेरा कहा है कोई बताये .... शिखर शिखर से पुछू रही हु शंकर मेरा कहा है. गोरिवर गंगाधर हर हर शंकर मेरा कहा है, कोई बताये... लहर लहर लहराती गंगे तू क्यों गाती गाने शिवजी हमसे रूठ गए है क्या यह बात ना जानी रो रो नैन गवाए कोई बताये... कंकर कंकर से मै पुछू शंकर मेरा कहा है कोई बताये .... ऑ नील गगन की चंदेर्कला -२ तू रहती उन क पास भला मेरा कहा गया प्रीतम बतला मेरी बिगरी कोन बनाये कोई बताये कंकर कंकर से मै पुछू शंकर मेरा कहा है कोई बताये .... होले होले चल फनिधर होले होले चल -२ मै भी तेरे संग चलू तू होले होले चल तू लिपटेगा गले स्वामी के मै चरणों मै रहलू मेरा धन्य जीवन हो जाये कंकर कंकर से मै पुछू शंकर मेरा कहा है कोई बताये ....

मंगलवार, 18 जनवरी 2011

ओ जंगल के राजा..

ओ जंगल के राजा...
मेरी माँ को ले के आजा -
मैंने आस की जोत है जगाई -२
मेरे नैनो मै माँ है समाई -२
मेरे सपने सच तू बना जा
मेरी माँ को ले के आजा -
ओ जंगल के राजा ...
पल पल माँ के संग विराजो, धन्य तुम्हारी भगति है
शक्ति का तुम बोझ उठाते, अजब तुम्हारी शक्ति है
तेरे सुंदर नयन कटीले, वो रंग के पीले पीले
मेरी माँ को मुझ से मिला जा
ओ जंगल के राजा...
पवन रूप ओ माँ के प्यारे, चाल पावन की ऑ जाओ
देवो के आँख के तारे, आओ करम कमा जाओ
आओ गहनों मै तुम्हे सजाऊ, पावो मै घुंघरू पहनाऊ
मै बजाऊ ढोल और बाजा
ओ जंगल के राजा...
आके स्मुन्ख भोली माँ के, दिल की बाते कर लू मै
प्यास बुझा लू जन्मो की और , खाली झोली भर लू मै
माँ के चरणों की धुल लगा लू, मै सोया नसीब जगा लू
मेरे दुःख - संताप मिटा जा
ओ जंगल के राजा...
मात कहेगी बेटा मुझको, मै माँ कहके बुलाऊंगा
ममता रूपी वरदानी से, वर मुक्ति का पाउँगा
सारी दुनिया से जो न्यारी, छवि सुंदर अतुल प्यारी
उस माँ का दर्श दिखा जा
ओ जंगल के राजा...
Sanjay Mehta

इक मंदिर है गुफा मै जहा माँ की मूरत है

इक मंदिर है गुफा मै जहा माँ की मूरत है जो दुनिया मै न्यारी ममता की मूरत है चारो तरफ है उस मंदिर के उचे उचे पर्वत प्यारे - ' जय माता दी ' जिसकी किस्मत मै लिखा हो वो जा पाए माँ के द्वारे - 'जय माता दी ' जिस पल जाने का तय कर लो वो ही सफल मुहूर्त है एक मंदिर है गुफा मै .... माँ के चरणों मै गंगा जी रन झुन रन झुन बहती जाए बहते बहते पावन गंगा जगदम्बे की महिमा गाये - 'जय माता दी ' प्रभु की छटा है निराली लगती खुबसूरत है एक मंदिर है गुफा मै .... बारह महीने भगतो का वही आना जाना रहता है हर कोई मधुरस मै डूबा जय माता दी कहता है जिस पर दया हो मैया की उसको किसकी जरूरत है एक मंदिर है गुफा मै .... Sanjay Mehta

रविवार, 16 जनवरी 2011

मेरी कुट्टिया मै आ महामाई

शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

वंदना

वंदना

नमस्कार जगदम्बे जग की महारानी मेरा घर ग्रहस्थी स्वर्ग सम बनाना , मुझे नेक संतान शक्ति दिलाना सदा मेरे परिवार की रक्षा करना ना अपराधो को मेरे दिल माहि धरना नमस्कार और कोटि परनाम मेरा सदा ही मै जपता रहू नाम तेरा बहुत दीं बलहीन हु मै भवानी दया दृष्टि रखना सदा माँ शिवानी कभी आंच मुझपे माँ आने ना देना माँ दूर अपनी करुना को जाने ना देना तेरी दिव्या ज्योति जगे मन के मंदिर कभी फर्क आये ना माँ उसके अंदर तेरी माला ही हर पल जपता रहू मै तेरा ध्यान अम्बे माँ करता रहू मै मेरे शीश ममता की रखियो माँ छाया महामाया जानू ना मै तेरी माया कोई डर कोई भूत मुझको लगे ना कोई शूल संकट का पग मै लगे ना मुझे ज्ञान की तू सुधा माँ पिलाना तू अँधेरा माँ मन का मिटाना मुझे देना चरणों की धुली तेरे नाम रत्नों से भर लू मै झोली Sanjay Mehta

बुधवार, 12 जनवरी 2011

ना चिठ्ठी आई , ना आया बुलावा

ना चिठ्ठी आई , ना आया बुलावा
अंदर से खडकी है ताल , मै जाउंगी मैया के द्वार
मुझे जाना है माता के द्वार
ना चिठ्ठी आई , ना आया बुलावा
पाँव मे चाहे पड़ जाये छाले , कर दूंगी जीवन उसके हवाले
दर्शन के मन मे लागी लगन है,
चिंतन मे हर सांस अब तो मगन है
मे ना रुकुंगी एक पल, धुन है यह मुझ पर सवार
मोहे जाना है मैया के द्वार मे जाउंगी माता के द्वार
ना चिठ्ठी आई , ना आया बुलावा
शरदा सुमुन मे अर्पण करुँगी
भगति का सचा धन मांग लुंगी
पूजा मे उसकी खो जाउंगी मै
जाकर दर की हो जाउंगी मै
जन्मो की अब तो प्यास बुझेगी
सपने होंगे साकार
मोहे जाना है मैया के द्वार
मे आउंगी माता के द्वार
ना चिठ्ठी आई , ना आया बुलावा
माथे लगाऊ चरणों की धुली,
उसके बिना भूले दुनिया ये पूरी
मिल जाये माँ तो जग से क्या लेना
बच्चे जो मांगे माँ ने ही देना
मेरे भी मन की वो ही सब जाने
सुनती जो सबकी पुकार
मोहे जाना है मैया के द्वार मे जाउंगी माता के द्वार
ना चिठ्ठी आई , ना आया बुलावा
Sanjay Mehta

Krishna Krishna















Durga Maa

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आये नवरात्रे महारानिये, महारानिये जग कल्यानिये



आये नवरात्रे महारानिये, महारानिये जग कल्यानिये मेरे सोये भाग जगा दे, मेरी नाव तरा दे मेरी बिगड़ी बना दे, शेरावाली माता तेरा घर मे कराऊ जगराता आये नवरात्रे ..... तुझे जिसने भी मन से पुकारा अम्बिके मिला उसी बेसहारे को सहारा अम्बिके तेरी दया से हर मुश्किल आसान होवे माँ तेरे द्वार पे भग्तजनो का कल्याण होए माँ मेरी सुन ले जरा दुहाई आंबे महामाई अब हो जा सहाई शेरावाली माता, तेरा घर मे कराऊ जगराता आये नवरात्रे ..... तू चाहे तो तुफानो मे भी जलते दिए मेरी माता भवानी मैया सबके लिए मेरी करुना मिट जाती उदासी अम्बिके मेरी आत्मा फिर क्यों प्यासी अम्बिके चाहे दुश्मन बने जमाना, तू ना ठुकराना दे दे ख़ुशी का खजाना, शेरावाली माता तेरा घर मे कराऊ जगराता आये नवरात्रे ..... बड़ी आस ले के आये ना निराश करना अब खाली माँ सवाली की झोली भरना मेरी विनती कर लो स्वीकार अम्बिके अब शरणागत के सपने स्वीकार अम्बिके तू दाती संकट हरनी जग मंगल करनी माँ जग जननी शेरावाली माता, तेरा घर मे कराऊ जगराता आये नवरात्रे ..... Sanjay Mehta

मंगलवार, 11 जनवरी 2011

सोमवार, 10 जनवरी 2011

देखी तेरी दरबार माँ छोटी छोटी कन्याए

देखी तेरी दरबार माँ छोटी छोटी कन्याए लीला करे अपार माँ छोटी छोटी कन्याए हल वो सवाल करे सबको निहाल करे बांटे ये सच्चा प्यार छोटी छोटी कन्याए देखी तेरे दरबार....... मुखमंडल का तेज नियारा, कहते है वो रूप तुम्हारा प्यारी प्यारी , भोली भाली बाते करती बहुत निराली बड़ी दयवान है वो, बेड़े लगाती पार माँ छोटी छोटी कन्या देखी तेरे दरबार....... जो जन उनका करे अनादर , दुःख से भटके वो तो दर दर चरण छुए के जो भी मन से सुखी रहेंगे सुख के धन से , मीठी मीठी बातो से, प्यारी करमाते से देती है कार्य सवार माँ छोटी छोटी कन्याए देखी तेरे दरबार....... हंस के वो थपकी जिनको देती सगरे संकट हर वो लेती तेरी तरह ही है महामाया कोई ना जाने उसकी माया नाम के दिवानो के, जोगी मस्तानो के सपने करे साकार , माँ छोटी छोटी कन्याए देखी तेरे दरबार....... Sanjay Mehta Sanjay Mehta