शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

शेरावाली माँ का शेर







शेरावाली माँ का शेर

माता शेरावाली, महिषासुर का वध करने के लिए सिंह (शेर) पर स्वर हुई थी..
अत: उन्हें सिंघ्वाहिनी कहा जाने लगा ..
पूर्वकाल मे शेरावाली माता के रूप मे विश्रुत हुई,
और आधुनिक काल मे माता वैष्णो का नाम शेरावाली सबसे अधिक प्रिसद्ध है..
माता महाकाली और माता सरस्वती को ना तो शेर पर दिखाया जाता है
और ना ही उसके मंदिरों मे शेर की प्रतिमा होती है..
सिंह पशु जगत मे महाशक्तिशाली माना गया है..
वह पशुओ का राजा है.. युद्ध, साहस और आक्रमण
मे भी वह अद्वित्य है.. देखने मे सुंदर, आकर्षक व्यक्तितत्व ,
एक वीरता की मूर्ति तथा तेजस्विता का प्रतीक
यह सिंह जिस देवी का वाहन है. कल्पना करे, वह देवी कितनी शक्तिशाली होगी..
बोलो माँ वैष्णोदेवी की जय..
बोलो माँ के वाहन सिंघ्देव की जय..
बोलो मेरी माँ राज रानी की जय..





Sanjay Mehta

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