मंगलवार, 5 अप्रैल 2011

जय अम्बे ब्रेह्म्चारनी माता



जय अम्बे ब्रेह्म्चारनी माता
जय चतुर्णन प्रिय सुख दाता
ब्रह्मा जी के मन भाती हो
ज्ञान सभी को सिखलाती हो
ब्रह्म मन्त्र हो जाप तुम्हारा
जिस को जपे सकल संसारा
जय गायत्री वेद की माता
जो जन निस दिन तुम्हे ध्याता
कमी कोई रहने ना पाए
कोई भी दुःख सहने ना पाए
उसकी विरती रहे ठिकाने
जो तेरी महिमा को जाने
रुद्राक्ष की माला लेकर
जपे जो मन्त्र श्रधा देकर
आलस छोड़ करे गुनगाना
माँ तुम उसको सुख पौह्चना
ब्रेह्म्चारिणी तेरो नाम
पूर्ण करो सब मेरे काम
'चमन' तेरे चरणों का पुजारी
रखना लाज मेरी महतारी संजय मेहता Sanjay Mehta

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