सोमवार, 4 अप्रैल 2011

( पहली शेल पुत्री कहलावे )

( पहली शेल पुत्री कहलावे )
शेल पुत्री माँ बैल असवार
करे देवता जय जय कार
शिव शंकर की प्रिय भवानी
तेरी महिमा किसी ना जानी
पार्वती तू उमा कहलावे
जो तुझे सुमरे सो सुख पावे
ऋद्धि सिद्धि परवान करे तू
दया करे धनवान करे तू
सोमवार को शिव संग प्यारी
आरती तेरी जिसने उतारी
उसकी सगरी आस पूजा दो
सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो
घी का सुंदर दीप जलाके
गोला गारी का भोग लगा के श्रधा भाव से मन्त्र गाये
प्रेम सहित फिर शीश झुकाए
जय गिरिराज किशोरी अम्बे
शिव मुख चंदर चकोरी अम्बे
मनो कामना पूर्ण कर दो
'चमन' सदा सुख सम्पति भर दो
संजय मेहता Sanjay Mehta

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