सोमवार, 18 अप्रैल 2011

आओ आओ गजानंद आवो

श्री गणेश वंदना

आओ आओ गजानंद आवो आओ आओ गजानंद आवो भोले बाबा के तुम ही दुलारे अब ना देरी करो जल्दी आवो दीन दुखियो के तुम हो उजारे तुम ही लंगड़ा पहाड़ चडावे रिधि सीधी के तुम देने वाले सेवा करके तुम्हे जो रिझाले हाथ सर पर दया का फिरावो सबसे पहले हो पूजा तुम्हारी गज बदन मुसे उपर सवारी प्यारी झांकी हमे भी दिखाओ हो 'चिरंजी ' तेरा दास स्वामी जानते गट की अन्तेर्यामी ज्ञान का दीप मन मे जलावो संजय मेहता

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