आओ आओ गजानंद आवो
आओ आओ गजानंद आवो
भोले बाबा के तुम ही दुलारे
अब ना देरी करो जल्दी आवो
दीन दुखियो के तुम हो उजारे
तुम ही लंगड़ा पहाड़ चडावे
रिधि सीधी के तुम देने वाले
सेवा करके तुम्हे जो रिझाले
हाथ सर पर दया का फिरावो
सबसे पहले हो पूजा तुम्हारी
गज बदन मुसे उपर सवारी
प्यारी झांकी हमे भी दिखाओ
हो 'चिरंजी ' तेरा दास स्वामी
जानते गट की अन्तेर्यामी
ज्ञान का दीप मन मे जलावो
संजय मेहता
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