शनिवार, 2 अप्रैल 2011

राधे राधे मेरा हर एक आँसू राधे तुझे ही पुकारे है ~

राधे राधे मेरा हर एक आँसू राधे तुझे ही पुकारे है ~ मेरी पहुँच तुझ तक सिर्फ आँसुओं के सहारे है ~ जब आप की याद राधे सही न जाए ~ आप को सामने न पा कर दिल मेरा घबराए है ~ तब ज़ुबा, हाथ , पांव सब बेबस होते है ~ इन्ही का काम राधे आँसू कर देते है ~ ये आप तक तो नहीं पहुँते पर फिर भी ~ इस तङप को कुछ शांत कर देते है ~ जब तक ये बहते है राधे आँखे बंद रहती है ~ बंद आँखे ही राधे मुझे आप से मिलाती है ~ बह बह कर राधे जब ये थक जाते है ~ कुछ समय सांस लेने खुद ही रूक जाते है , पर आप की याद कभी नहीं थकती है, बिना रूके सदा मेरी सांसों के साथ ही चलती है ~ मुझे मंज़ूर है ये सौदा आप यूँ ही याद आते रहिए ~ आँसूओं के सहारे ही सही मेरे नैनों में समाते रहिए~~ राधे राधे Sanjay Mehta

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