मंगलवार, 26 अप्रैल 2011






दिखा दे रूप

[तर्ज: गाडी वाले मुझे बिठाले..]

घोटे वाले मुझे बुला ले,
कर अर्जी मंजूर दिखा दे रूप तेरा...

सालासर मे धाम तेरा, अजब निराली माया है..
सुंदर रूप अनूप तेरा, भगतो के मन भाया है..
भाग्त्ग्न आते भोग लगते, भीड़ रहे भरपूर
दिखा दे रूप तेरा , घोटे वाले...

अंग मे चोला चांदी का, गल बैजंती माला है..
मुकट विराजे सोने का, लाल लंगोटे वाला है...
गदा हाथ मे वीर साथ मे, चम चम चमके नूर
दिखा दे रूप तेरा, घोटे वाले....

बचपन खोया खेलन मे, जवानी मे किया ध्यान नहीं..
आन बुडापा घेर लिया, भजन भाव का ज्ञान नहीं..
मै खल कामी, तू अन्तेर्यामी , कर दे अवगुण दूर
दिखा दे रूप तेरा, घोटे वाले...

दुनिया रंग बिरंगी है, मिलता कोई मीत नहीं..
पैसे के सब संगी है, दुनिया की रीत यही...
झूठी सारी दुनिया देखी, झूठा करे गरूर
दिखा दे रूप तेरा , घोटे वाले...

ठोकर खायी दर दर की, आखिर पता तेरा पाया...
दया हो गई रागुवर की, भजन बना 'मस्त-मंडल' आया...
अन्तेर्यामी सबका स्वामी, भरो ज्ञान भरपूर,
दिखा दे रूप तेरा, घोटे वाले...
जय माता दी जी
बोलो सियावर राम जय जय राम..
बोलो बजरंगबलि की जय..
हर हर महादेव
मेरी माँ राज रानी की जय..


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