मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

ध्यान






ध्यान



भगवान् विष्णु के सो जाने पर मधु और केटभ को मारने के लिए कमल-जन्मा ब्रह्माजी ने जिनका स्तवन किया था, उन महाकाली देवी का मै स्तवन करता हु.. वो अपने दस हाथो मै खड्ग , चक्र, गदा, बाण, धनुष, परिघ, शूल, भुशुण्ड, मस्तक और शंख धारण करती है.. उनके तीन नेत्र है... वे समस्त अंगो मै दिव्या आभुषनो से विभूषित है.. उनके शरीर की कान्ति नीलमणि के समान है.. तथा वे दस मुख और दस पैरो से युक्त है...



भगवान् विष्णु के सो जाने पर मधु और केटभ को मारने के लिए कमल-जन्मा ब्रह्माजी ने जिनका स्तवन किया था, उन महाकाली देवी का मै स्तवन करता हु.. वो अपने दस हाथो मै खड्ग , चक्र, गदा, बाण, धनुष, परिघ, शूल, भुशुण्ड, मस्तक और शंख धारण करती है.. उनके तीन नेत्र है... वे समस्त अंगो मै दिव्या आभुषनो से विभूषित है.. उनके शरीर की कान्ति नीलमणि के समान है.. तथा वे दस मुख और दस पैरो से युक्त है...

बोलो दुर्गा माँ की जय
बोलो काली मैया की जय..
बोलो मेरी माँ राज रानी की जय
हर हर महादेव.

Sanjay Mehta

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