शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

द्वार पे बेठा राह निहारु थक गए मेरे नैना..







द्वार पे बेठा राह निहारु थक गए मेरे नैना


द्वार पे बेठा राह निहारु थक गए मेरे नैना.. आओं श्याम मेरे अंगना,....श्याम
मेरे अंगना.. आओ ना ...
राह मै तेरी पलके बिछाई.. सेज फूलो की मैंने सजाई-2
अब ता आ जाओ मेरी कन्हिया , कही हो ना मेरी रुसवाई
तू जो आये तो खिल जाये मन की मेरी बगिया..
आओ श्याम मेरे अंगना...

मेरी आँखों का बस यही सपना... एक तू श्याम हो मेरा अपना..-2
आज का प्रेम अपना नहीं है.. कई जन्मो का बंधन है अपना...
जग से रिश्ता टूटे, तुझ से रिश्ता टूटे अब ना...
ऑ आओ श्याम मेरे अंगना...
आ जाओ....
आओं ना...

तुझे भगतो ने जब भी पुकारा... तुने सब को दिया है सहारा...
नाव मझधार मे मेरी डोले.. उसको तू ही दिखाए किनारा...
बन के खिवयिया आजा मोहन कोई मेरे संग ना...
आओ श्याम मेरे अंगना...
आ जाओ...
आओ ना...

सब की बिगड़ी बनाने वाले.. बात मेरी बनाए तो मानु..
मे तो भटका हुआ एक मुसाफिर, राह मुझको दिखाए तो जानू...
सुन ले संजय की इतनी बिनती .. चरण कमल मे रखना...
आओ श्याम मेरे अंगना..
आ जाओ..
द्वार मे बेठा राह निहारु.. थक गए मेरे नैया...

बोलो जय माता दी...
बोलो राधे राधे.. 
बोलो मेरी माँ राज रानी की जय..
Sanjay Mehta






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