शुक्रवार, 24 जून 2011

ओ माँ , ओ माँ तुझे दूंडू आज कहाँ:Sanjay Mehta, Ludhiana













ओ माँ , ओ माँ तुझे दूंडू आज कहाँ.
पर्वत-पर्वत डूंडा मैंने मिलता नहीं निशा..
ओ माँ ओ माँ...

तुने मुझको जन्म दिया माँ. मै तेरी संतान हु..
तू तो है माँ बखशान्हारी, मै बेटा नादान हु..
मेरी खुशियों की दुनिया माँ हो गई आज वीरां
ओ माँ ओ माँ

भर के लाई हु दामन मे, आशाओं के फुल माँ..
फूलो के बदले मे मुझको , दे चरणों की धुल माँ..
तेरा ही बस नाम उचारे मेरी आज जुबां
ओ माँ ओ माँ...

नैनो मे है ज्योति तुम्हारी, ह्रदय मे तस्वीर है..
मेरे हिस्से मे दे दी माँ, अंसुवन की जागीर है..
तू रूठी तो किस्मत रूठी, रूठा आज जहाँ
ओ माँ ओ माँ..

होंठो पे है नाम तुम्हारा, दिल मे तेरी याद माँ..
पता नहीं कब सुन पाओगी, मेरी यह फरियाद मे..
दिल ही दिल मे रह जायेगा, दिल का यह अरमां
ओ माँ.. ओ माँ..



Sanjay Mehta
Jai Mata di G



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