सोमवार, 20 जून 2011

आओ बच्चो तुम्हे सबकी माँ से मिलवाऊ:Sanjay Mehta, Ludhiana









आओ बच्चो तुम्हे सबकी माँ से मिलवाऊ-२
तुम्हे जग की माँ से मिलवाऊ..
भोली मैया का घर कैसा है दिखलाऊ..
आओ - आओ

उस मैया का घर कैसे है
क्या वो अपने घर जैसा है..
इक बार दर्स तो करवा दो
हम को भी माँ से मिलवा दो..
माँ का घर बोलो कैसा है.

अच्छा माँ के घर की यात्रा चलो..
यहाँ से शुरू करते है..


देखो - देखो भगतो ये है दर्शनी द्वार-२
यही से यात्रा शुरू करे सारा संसार
वो क्या है..

बाण गंगा.. वो बाण गंगा बड़ी पवन है..
इसे बाण से माँ ने प्रकट किया..
भगतो ये उपहार दिया..


वैष्णो माँ जब आई थी उस रस्ते पर -२
तब माँ के पगचिन्ह बने इस पथर पर..
चरण पादुका भी इनको कहते है..


इन्हें शीर्ष झुककर नमन करो
फिर गर्भ -जून की और बड़ो..
अरे ये जो सामने सुंदर गुफा नजर आती है..
वैष्णो ने नौ माह यही तपस्या की है..


गर्भ - जून गुफा
गर्भ - जून गुफा मे मंदिर है..
ये आध्कुमारी का मंदिर


चलो दर्श करो आगे फिर

यह हाथ माथे की सीढ़ी चढाई है.. -२

यहाँ से पावन गुफा दिखलाई देती है..
कठिन डगर कट जाएगी..

जय माँ वैष्णो की बोलो बच्चो मिलकर

हम आ पौचे वैष्णो माँ का द्वार पर
वैष्णो माँ के दर्स करो
दर्शन करके तुम झोली भर लों..

ये तीन पिंडिया त्रिशक्ति
दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती
वैष्णो माँ के दर्स करो..


अब भेरो जी के दर्शन को भी जाना है..
वैष्णो दर्शन का पूरा फल पाना है..
भेरव जी माँ के सेवादार

माँ के सेवक को नमस्कार करो..
वो भागो वाला होता है
जो वैष्णो माँ के दर्शन पाता है..
जय माँ की बोलो जय माँ की..


Sanjay Mehta
Jai Mata Di G



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