मंगलवार, 14 जून 2011

ओ मेहंदीपुर वाले, तेरी याद सताती हे..:Sanjay Mehta, Ludhiana










|| ओ मेहंदीपुर वाले ||

ओ मेहंदीपुर वाले, तेरी याद सताती हे..
ओ सालासर वाले, तेरी याद सताती हे..
हिचकी पे चली हिचकी, घाटे से आती हे..
ओ मेहंदीपुर वाले..

लगता हे मुझे ऐसा तुम पास मे रहते हो..
हर सांस मे रहते हो, विश्वास मे रहते हो..
नैनो के झरोखो से आंसू बरसाती हे..
ओ मेहंदीपुर वाले..

मनवा है गरीब बड़ा, नादान है , भोला है..
माया के झरोखे से संसार ने टोला है..
ढलती हुई रातो से नजरे टकराती है..
ओ मेहंदीपुर वाले..

फरियाद है ये दरख्वास्त , इसे भूल नहीं जाना
कानो मे पड़ा होगा, इस दास का अफसाना..
बालाजी की शक्ति को, मेरी हार बुलाती है..
ओ मेहंदीपुर वाले..


तुम भगतो के बाबा, कुंजी हो खजाने की..
बाबा भगतो मे रहना, ये अर्ज दिवानो की..
बांकी सी अदा तेरी, मदहोश बनाती है..
ओ मेहंदीपुर वाले, तेरी याद सताती हे..
ओ मेहंदीपुर वाले, तेरी याद सताती हे..
हिचकी पे चली हिचकी, घाटे से आती हे..


Sanjay Mehta
Jai Mata di G




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