मंगलवार, 7 जून 2011

मंगलवार की आरती..: Sanjay Mehta, Ludhiana











मंगलवार की आरती..
(आरती श्री हनुमान जी की)



आरती कीजे हनुमान लला की..
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की..

जाके बल से गिरिवर कापे .. रोग दोष जाके निकट ना झापे .. आरती...
अंजनि पुत्र महा बलदाई.. संतन के प्रभु सदा सहाई .. आरती..
दे बीरा रघुनाथ पठाए.. लंका जारि सीय सुधि लाये.. आरती
लंका सों कोट समुंदर सी खाई.. जात पवनसुत बार ना लाई..
लंका जारि असुर संहारे.. सियाराम जी के काज सवारे.. आरती..
लक्ष्मण मूर्छित पड़े संहारे.. सियाराम जी के काज संवारे.. आरती..
पैठी पाताल तोरि जम-कारे.. अहिरावन की भुजा उखारे.. आरती..
बाये भुजा असुरदल मारे.. दाहिने भुजा संतजन तारे.. आरती
सुर नर मुनि आरती उतारे.. जय जय जय हनुमान उचारे.. आरती..
कंचन थार कपूर लों छाई.. आरती करत अंजना माई.. आरती..
जो हनुमान जी की आरती गावे.. बसि बैकुंठ परम पद पावे .. आरती

Sanjay Mehta..
Jai Mata di G









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