शनिवार, 18 जून 2011

माँ जगदम्बे सुन ले , तेरी महिमा गायेंगे..:Sanjay Mehta, Ludhiana








जगदम्बे सुन ले..

हर बार तेरे दर पे नवगीत सुनायेंगे..
माँ जगदम्बे सुन ले , तेरी महिमा गायेंगे..


तुमसे मिलने को हमें, रोकोगी भला कैसे ..
कदमो से लिपट जाये, वृक्षों से लता जैसे..
सपनो मे मिली माँ को, हम सामने पायेंगे..
हर बार तेरे दर पे नवगीत सुनायेंगे..


होगी तृष्णा भी पूरी, प्यासी इन अंखियन की..
माथे से लगा लेंगे, धुली तेरे चरणन की..
चरणामृत लेकर माँ हम भव तर जायेंगे..
हर बार तेरे दर पे नवगीत सुनायेंगे..

सदियों से सदा हमने, तेरी आश लगाई है..
पागल मनवा कहता है, माँ तुझको बुलाई है..
पाकर के तेरे दर्शन, मन को समझायेंगे..
हर बार तेरे दर पे नवगीत सुनायेंगे..


चुनकर मन उपवन से , पुष्पों की मधुर लडिया..
एक हार बनाया है.. बीती है कई घडिया..
यह पुष्प - भजनमाला, तुझे भेंट चढ़ाएंगे ..
हर बार तेरे दर पे नवगीत सुनायेंगे..

Sanjay Mehta
Jai Mata Di G








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