गुरुवार, 23 जून 2011

मेरी माँ से मुलाकात: Sanjay Mehta, Ludhiana










काल जब आता है तो उसको आने भी दो..
जो भी होनी है वो बात हो जायेगी..
स्वर्ग की और जायेगी जब आत्मा
मेरी माँ से मुलाक़ात हो जायेगी..
मेरी माँ से मुलाकात...

मोह माया जगत की सभी छोड़ दू..
ये ही बेहतर है उसके भवन को चलू
रौशनी बनके आएगी माता मेरी
रस्ते मे गर रात हो जाएगी
मेरी माँ से मुलाकात..

ढोल ब्रह्मा बजायेंगे, खड़ताल शिव
शंख फुन्केगे विष्णु जी और लक्ष्मी
शेर पे सजके माता चलेगी अगर
साथ संतो की बारात हो जाएगी..
मेरी माँ से मुलाकात..

काम भगतो के संकट मे आ तो सही..
तुझपे कुर्बान कर देंगे जीवन सभी
हमको कांटो से माता बचा तो सही
तुझपे फूलो की बरसात हो जाएगी
मेरी माँ से मुलाकात..

ध्यान रखना ना माया मुझे लूट ले..
तेरे सेवक "संजय" की ये अरदास है..
बात मेरी जगत मे रहेगी कहाँ.
जीत होकर अगर मात हो जाएगी..
मेरी माँ से मुलाकात..


Sanjay Mehta
Jai Mata di G



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