शनिवार, 26 जनवरी 2013

Durga Maa Stuti : Sanjay Mehta Ludhiana










हे भवानी, ओरो की तो बात ही क्या, अखिल सृष्टि के रचयिता प्रजापति ब्रह्मा जी चारो मुखो से भी तुम्हारी स्तुति नहीं कर सकते, त्रिपुरहर शंकर पांच मुख रहते हुए भी इस विषय में मूक होकर रह जाते है, छ: मुखवाले कार्तिकेय भी मन मारकर बैठ जाते है। उन सबकी कौन कहे हजार मुखवाले शेष जी भी मन मसोसकर रह जाते है, परन्तु तुम्हारी स्तुति नहीं कर पाते कोई करे भी तो कैसे? तुम्हारे गुणों का थाह पावे तब ना ... फिर मेरे जैसे जीवों की तो सामर्थ्य ही क्या जो माँ इस काम में हाथ डालने का साहस करे।
जय माता दी जी
जय देवी माँ
जय माँ शक्ति


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♥♥ (¯*•๑۩۞۩:♥♥ ......Jai Mata Di G .... ♥♥ :۩۞۩๑•*¯)♥♥
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Sanjay Mehta








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