जो परम धाम, परम ब्रह्म , परेश परम इश्वर, विघ्नों के विनाशक, शांत, पुष्ट, मनोहर और अनंत है, प्रधान-प्रधान सुर, असुर और सिद्ध, जिनका स्तवन करते है, जो देवरुपी कमल के लिए सूर्य और मंगलो के आश्रय-स्थान है, उन परात्पर गणेश भगवान की मै संजय मेहता स्तुति करता हु।
"श्रीगणेश सगुण रूप अत्यंत सुंदर और मोहक है। उनके नृत्य करते ही देवगन विभोर हो जाते है।"
जय श्री गणेशा
जय माता दी जी
www.facebook.com/groups/jaimatadig
www.facebook.com/jaimatadigldh
www.jaimatadig.blogspot.in
ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ
♥♥ (¯*•๑۩۞۩:♥♥ ......Jai Mata Di G .... ♥♥ :۩۞۩๑•*¯)♥♥
ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ
Sanjay Mehta
|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें