भगवान श्री राम संसार में आदर्श मर्यादा पुरषोतम और भगवती सीता संसार में आदर्श सती ... पति के वन जाने की बात सुनकर सीता ने कहा -- छाया अपने आधार को छोड़कर कहा रहेगी!.. चांदनी चंद्रमा को छोड़कर कहाँ रहेगी? वह दृश्य बार-बार आँखों में फिर जाता है. अभिषेक के राम तपस्वी-वेश में वन को जा रहे है, पीछे-पीछे लक्ष्मण और सीता! वह सीता महारानी, जिन्होंने कभी जमीन पर पैर भी नहीं रखा थ। नंगे पैर वन को जा रही है. घर से निकलकर दो डग भी नहीं बढे थे कि माता जी के मुखमंडल पर स्वेद-कण आ गए और थककर लक्षमण जी से पूछती है. भैया, अभी वन कितनी दूर है? यह दृश्य याद कर के आँखों में आंसू आ जाते है.
माँ! तुम्हारे चरणों में सहस्त्र विनम्र प्रणिपात स्वीकार हो मेरा माँ!!... माँ ओ माँ ...
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Sanjay Mehta
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