सोमवार, 7 जनवरी 2013

हे प्रभु जी : Sanjay Mehta Ludhiana









हे प्रभु जी ! क्या आपके खिले पंकज के समान चरण युगल को स्वप्न में भी देखने का सौभाग्य मुझे प्राप्त होगा? जब अपने आचरणों की और मै देखता हु, तब तो मै निराशा से घिर जाता हु, किन्तु आपकी अपार दया का स्मरण कर मन में फिर से आशा का संचार होने लगता है। उस समय मै अपने मन को आश्वासन देता हु और कहता हु, तू नीच है तो क्या हुआ तेरा स्वामी तो परम कृपालु है। वह तुझपर अवश्य कृपा करेंगे, निश्चित रह संजय
जय माता दी जी
हर हर महादेव
जय श्री कृष्णा
जय श्री ब्रह्मा
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♥♥ (¯*•๑۩۞۩:♥♥ ......Jai Mata Di G .... ♥♥ :۩۞۩๑•*¯)♥♥
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Sanjay Mehta







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