बुधवार, 23 नवंबर 2011

क्यों हर मोड़ पर गम ही मिला है: Sanjay Mehta Ludhiana









शेरां वाली माता तेरी जय हो सदा
माँ मुझको तू बता दे क्या मेरी खता है

क्यों हर मोड़ पर गम ही मिला है
माँ मुझको तू बता दे क्या मेरी खता है
क्यों हर मोड़ पर गम ही मिला है
हँसता हु पल भर को फिर दर्द सताता है
हर रोज नया गम क्यों मुझको मिल जाता है

शेरां वाली माता तेरी जय हो सदा
माँ मुझको तू बता दे क्या मेरी खता है

ज्योता वाली माता तेरी जय हो सदा जय
उसने ही मुझको है दिखा दिया
मैंने विश्वास जिस पे किया
मुझको रुलाके हंसाता जमाना है
अश्को कर मैंने पिया
टुटा है हर एक सपना जो मैंने सजाया था
लूटा है दुनिया ने जो मैंने पाया था
शेरां वाली माता तेरी जय हो सदा
माँ मुझको तू बता दे क्या मेरी खता है
क्यों हर मोड़ पर गम ही मिला है

बन जा सहारा तू
इस बेसहारे की अर्जी
मंजूर कर अर्जी मंजूर कर
चरणों मे अपनी जगह देके
मेरे सभी दुःख दूर कर
खाली मे आया था खाली नहीं जाना है
जो तुमसे माँगा है वो तुमसे ही पाना है
क्यों हर मोड़ पर गम ही मिला है
शेरां वाली माता तेरी जय हो सदा
माँ मुझको तू बता दे क्या मेरी खता है
क्यों हर मोड़ पर गम ही मिला है








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