मंगलवार, 8 नवंबर 2011

ले के मैया का सिंगार कर के माँ की जय जय कार : Le ke Maiya ka Shingar By Sanjay mehta, Ludhiana









ले के मैया का सिंगार कर के माँ की जय जय कार
चल के आई हु आई मै मैया के दर

लाल लाल चोला माँ का लाल लाल चुनरी
माथे की बिंदिया लाई हाथो की मुंदरी
गले का लाई स्वर्ण हार , करती माँ की जय जय कार
चल के आई हु आई मै मैया के दर

चुन चुन फूलो की माला बनाई
प्यार से मैंने माँ के गले मे सजाई
चूड़ी लाई मीनेदार , करती माँ की जय जय कार
चल के आई हु आई मै मैया के दर


पान सुपारी माँ की भेंट चडाऊ
हलवे चने से माँ को भोग लगाऊ
मैया पाने तेरा प्यार , करती माँ की जय जय कार
चल के आई हु आई मै मैया के दर


सोने का मैया मै तो छत्र चडाऊ
माथे की बिंदिया मै माँ को लगाऊ
चोला लाई गोटेदार , , करती माँ की जय जय कार
चल के आई हु आई मै मैया के दर

पैरो की पायल लाई, हाथो का कंगना..
रोज बुहारू मै तो माँ तेरा अंगना
आई छोड़ के घर बार , करती माँ की जय जय कार
चल के आई हु आई मै मैया के दर

दर्शन माँ के पाऊ लग्न यह लगाई
शेरावाली मैया की करती मै दुहाई
बेनती करती बारम्बार , करती माँ की जय जय कार
चल के आई हु आई मै मैया के दर











कोई टिप्पणी नहीं: