बुधवार, 9 नवंबर 2011

पौड़ी पौड़ी चढ़ दा जा भगता: Paudi Paudi Chad-da Jaa Bhagta.. Sanjay Mehta Ludhiana









सारे बोलो जय माता दी
प्रेम से बोलो जय माता दी
मिल के बोलो जय माता दी
जोर से बोलो जय माता दी
जय कारा शेरोवाली दा
बोल साचे दरबार की जय

पौड़ी पौड़ी चढ़ दा जा भगता जय माता दी करदा जा भगता
उचे पर्वतों की चढ़ लो चढाई भगतो सुंदर गुफा मे विराजे महामाई भगतो
उचे पर्वतों की चढ़ लो चढाई भगतो सुंदर गुफा मे विराजे महामाई भगतो
पौड़ी पौड़ी चढ़ दा जा भगता जय माता दी करदा जा भगता



जय माँ जय माँ जय माँ जय जय माँ


कटरा से चल कर दर्शनी द्वार से आगे कदम बड़ा लो,
बाण गंगा के शीतल जल मे दुबकी एक लगा लो
दुबकी एक लगा लो , दुबकी एक लगा लो


चरण पादुका मंदिर मे भी झुक कर माथा टेको
आध कुवारी गर्भ जून का भाव से जलवा देखो
भाव से जलवा देखो ,भाव से जलवा देखो

रुत अम्बे माँ के दर्शनों की आई भगतो , सुंदर गुफा मे विराजे महामाई भगतो
रुत अम्बे माँ के दर्शनों की आई भगतो , सुंदर गुफा मे विराजे महामाई भगतो
पौड़ी पौड़ी चढ़ दा जा भगता जय माता दी करदा जा भगता

सारे बोलो जय माता दी
प्रेम से बोलो जय माता दी
मिल के बोलो जय माता दी
जोर से बोलो जय माता दी
जय कारा ज्योतावाली दा
बोल साचे दरबार की जय


हाथी मथा कठिन रास्ते, देख ना हिमत हारो
माँ के भगतो अम्बे माँ का, मन से नाम उचारो
मन से नाम उचारो ,मन से नाम उचारो


सांझी छत पर रुक कर अपनी थोड़ी थकन मिटाओ
श्रधा भाव से तुम कंजको को पैसे दे के जाओ
पैसे दे के जाओ ,पैसे दे के जाओ

सची भावना की कर लो कमाई भगतो, सुंदर गुफा मे विराजे महामाई भगतो
पौड़ी पौड़ी चढ़ दा जा भगता जय माता दी करदा जा भागता

जय माँ जय माँ जय माँ जय जय माँ


माँ के चरणों की गंगा मे अपनी धो लो काया
वैष्णो देवी के दर्शन का पावन अवसर आया
पावन अवसर आया, पावन अवसर आया

गुफा के अंदर पिंडियो का देखो आज नजारा
झुक के यहाँ पर लेता मुरादे कहते है जग सारा
कहते है जग सारा ,कहते है जग सारा


होती सब की ही यहाँ पर सुनवाई भगतो , सुंदर गुफा मे विराजे महामाई भगतो
पौड़ी पौड़ी चढ़ दा जा भगता जय माता दी करदा जा भगतो

धरती बोलो जय माता दी
अम्बर बोलो जय माता दी
पर्वत बोलो जय माता दी
नदिया बोले जय माता दी
पवन भी बोलो जय माता दी
झरना बोले जय माता दी
संजय मेहता भी बोलो जय माता दी
तुम भी बोलो जय माता दी
जैकारा शेरोवाली दा
बोल साचे दरबार की जय

जैकारा पहाड़ो वाली दा
बोल साचे दरबार की जय







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