मंगलवार, 22 नवंबर 2011

जागरण : Jagran By Sanjay Mehta Ludhiana








जागरण

हम आज सभी मिल कर , तेरी रात जगायेंगे
ओ महावीर सुन लो, तेरी महिमा गाएंगे

तुझसे मिलने को भला, कोई रोकेगा कैसे
कदमो से लिपट जाये, वृक्षों से लता जैसे
सपनो मे मिले थे तुम, अब सामने पाएंगे
हम आज सभी मिल कर , तेरी रात जगायेंगे
ओ महावीर सुन लो, तेरी महिमा गाएंगे

पूरी होगी तृष्णा, प्यासे इन नयनन की
माथे से लगा लेंगे, धूलि तेरे चरनन की
चरणामृत लेकर के, हम भव तर जायेंगे
हम आज सभी मिल कर , तेरी रात जगायेंगे
ओ महावीर सुन लो, तेरी महिमा गाएंगे


सदीओ से सदा हमने , तेरी आस लगाई है
पागल मनवा कहता , इसमें ही भलाई है
पाकर तेरे दर्शन को, हम धन्य हो जायेंगे
हम आज सभी मिल कर , तेरी रात जगायेंगे
ओ महावीर सुन लो, तेरी महिमा गाएंगे

चुनकर वन उपवन से , पुष्पों की मधुर लड़िया
एक हार बनाया है , बीती है कई घड़िया
ये पुष्प भजन माला, तेरे चरण चढ़ाएंगे
हम आज सभी मिल कर , तेरी रात जगायेंगे
ओ महावीर सुन लो, तेरी महिमा गाएंगे







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