शरणागत को है बचाते सभी फिर कैसे हमें तुम मारोगी माँ : Sanjay Mehta Ludhiana
माँ
शरणागत को है बचाते सभी
फिर कैसे हमें तुम मारोगी माँ
हम छोड़ेंगे पैर तुम्हारा नहीं
कबलों न दया उर धारोगी माँ
जब तेरे भरोसे पड़े है यहाँ
तब कैसे हमें ना उबारोगी माँ
'संजय' हमें तो भरोसा यही
है कभी- न-कभी- तो तुम तारोगी माँ
जय माता दी जी
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