शनिवार, 8 दिसंबर 2012

परमात्मा श्रीकृष्ण का ध्यान Prmatma Shree Krishna ka Dhyaan : Sanjay Mehta Ludhiana









परमात्मा श्रीकृष्ण का ध्यान करने से मन शुद्ध होता है। एक स्थान पर बैठकर परमात्मा का ध्यान करते-करते, सेवा-स्मरण करते करते, जो प्रभु को प्रसन्न करता है, उसका मन धीरे-धीरे सिथर और शुद्ध होता है। जिसका मन शुद्ध हुआ है, जिसके भीतर से भक्ति का रंग लगा है, जिसको भक्ति में आनन्द आता है, वह व्यक्ति तीर्थयात्रा करने जाय या ना जाये-समान ही है .
तुलसी जब मन शुद्ध भयौ
तब तीर्थ तीर गयौ न गयौ
जिनके ह्रदय भक्ति रस में निमग्न है, वैसे वैष्णव जहाँ विराजमान होते है, वहाँ की भूमि को वे तीर्थ बना देते है, तीर्थो में बहुत भटकना अच्छा नहीं है, बहुत भटकने से मन चंचल होता है।
जय माता दी जी

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Sanjay Mehta











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