महामाया वैष्णवी - शक्ति की स्तुति।।।
तुम अनंत बल सम्पन्न वैष्णवी शक्ति हो। इस विश्व की कारणभूता परामाया हो। देवि ! तुमने इस समस्त जगत को मोहित कर रखा है तुम्ही प्रसन्न होने पर इस पृथ्वी पर मोक्ष की प्राप्ति कराती हो। देवि ! सम्पूर्ण विध्याए तुम्हरे ही भिन्न-भिन्न स्वरूप है। जगत में जितनी स्त्रिया है, वे सब तुम्हारी ही मूर्तियाँ है। जगदम्बे ! एकमात्र तुमने ही इस विश्व को व्याप्त कर रखा है। तुम्हारी स्तुति क्या हो सकती है। तुम तो स्तवन करने योग्य पदार्थो से परे एवं परावाणी हो।
जय माता दी जी
जय माँ दुर्गे
जय माँ राजरानी
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Sanjay Mehta
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