व्रज की एक - एक वस्तु श्रीकृष्ण प्रेम को जाग्रत करती है। व्रज परमात्मा का स्वरूप है, वृन्दावन प्रेम भूमि है। श्रीराधा की आठ सखियाँ है, और श्रीधाम वृन्दावन में एक - एक सखी की निकुंज है- अष्टनिकुंज
1. विशाखाजी का चन्द्र सरोवर
2. चम्पकलताजी की श्रीसघन कन्दरा
3. पद्माजी का श्रीअप्सरा कुण्ड
4. भामाजी की श्रीकदम खंडी
5. सुशिलाजी की श्रीरूद्रकुण्ड
6. इंद्रसहचरी की श्रीमानसी गंगा
7. चन्द्रभागाजी का श्री सुरभि कुण्ड और
8. ललिताजी का श्री बिलछु कुण्ड
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Sanjay Mehta
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