सोमवार, 18 जुलाई 2011

विघ्न हरण मंगल करण, सोहत हाथ त्रिशूल :sanjay Mehta, Ludhiana













विघ्न हरण मंगल करण, सोहत हाथ त्रिशूल

विद्या - वर - दायक सदा , सिध्ही सदन सुख - मूल

रुनक - झुनक पग नेवर बाजे , गजानंद नाचे
गजानंद नाचे विनायक, गणपति जी नाचे ..
रुनक - झुनक पग नेवर बाजे , गजानंद नाचे

पिता तुम्हारा है शिव शंकर, नन्दीश्वर साजे ..
माता तुम्हारी पार्वती है . सिंह चढ़ी गाजे
रुनक - झुनक पग नेवर बाजे , गजानंद नाचे

मूसक वाहन सुंड - सुन्डाला , एकदंत साजे
गल पुष्पन को हार विराजे, कोटि काम लाजे..
रुनक - झुनक पग नेवर बाजे , गजानंद नाचे

विघ्न निवारण मंगल कारण , राजनपति राजे
'तुलसीदास' गणपति ना सुमरियां , दुःख दारिद्र भाजे..
रुनक - झुनक पग नेवर बाजे , गजानंद नाचे




Sanjay Mehta
Jai mata Di G




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