शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति भगवान की: By Sanjay Mehta, Ludhiana











दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति भगवान की
याद उठती है कलेजे मे मेरे घनश्याम की..
भगत हो तो ऐसे हो जैसे श्री हनुमान जी..
चीर के छाती दिखा दी मूर्ति श्री राम की..



फोड़ के आँखे यु बोले, भगत मंगल सूरदास
आँख जो हरि को ना देखे, आँख वो किस काम की..
दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति भगवान की


तुमसे तुमको चाहते है, देना हो तो दीजिये..
वर्ना कुछ इच्छा नहीं है , मुझको घनश्याम की..
दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति भगवान की

सेवा अपनी दीजिये, चरणों मे लगा लीजिये..
आप ने मिलते प्रभु तो , जिन्दगी किस काम की..
दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति भगवान की

Sanjay Mehta
Jai Mata Di G





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