गुरुवार, 21 जुलाई 2011

ॐ सांई राम!!! : Om Sai Ram: Sanjay Mehta Ludhiana









ॐ सांई राम!!!

मेरा हर एक आँसू सांई तुझे ही पुकारे है ~
मेरी पहुँच तुझ तक सिर्फ आँसुओं के सहारे है ~
जब आप की याद सांई सही न जाए ~
आप को सामने न पा कर दिल मेरा घबराए है ~
तब ज़ुबा, हाथ , पांव सब बेबस होते है ~
इन्ही का काम सांई आँसू कर देते है ~
ये आप तक तो नहीं पहुँते पर फिर भी ~
इस तङप को कुछ शांत कर देते है ~
जब तक ये बहते है सांई आँखे बंद रहती है ~
बंद आँखे ही सांई मुझे आप से मिलाती है ~
बह बह कर सांई जब ये थक जाते है ~
कुछ समय सांस लेने खुद ही रूक जाते है ,
पर आप की याद कभी नहीं थकती है,
बिना रूके सदा मेरी सांसों के साथ ही चलती है ~
मुझे मंज़ूर है ये सौदा आप यूँ ही याद आते रहिए ~
आँसूओं के सहारे ही सही मेरे नैनों में समाते रहिए~~


जय सांई राम!!!




॥ ॐ सांई राम ॥ ॥ ॐ सांई राम ॥ ॥ ॐ सांई राम ॥
॥ ॐ सांई राम ॥
॥ ॐ सांई राम ॥ ॥ ॐ सांई राम ॥ ॥ ॐ सांई राम ॥ ॥



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