शनिवार, 16 जुलाई 2011

मेरा घर - ग्रहस्थी स्वर्ग सम बनाना :Mera Ghar Grehsathi: Sanjay Mehta, Ludhiana








मेरा घर - ग्रहस्थी स्वर्ग सम बनाना


नमस्कार जगदम्बे जग की महारानी
मेरा घर - ग्रहस्थी स्वर्ग सम बनाना
मुझे नेक संतान शक्ति दिलाना
सदा मेरे परिवार की रक्षा करना
ना अपराध को मेरे दिल माहि धरना
नमस्कार और कोटि प्रणाम मेरा..
सदा ही मे जपता रहू नाम तेरा
बहुत दीन बलहीन हूँ मै भवानी
दया दृष्टि रखना सदा माँ शिवानी
कभी आंच मुझपे माँ आने ना देना
माँ दूर अपनी करुणा को जाने ना देना
तेरी दिव्या ज्योति जगे मन के मंदिर
कभी फर्क आये ना माँ उसके अंदर
]तेरी माला ही हर पल जपता रहू मै
तेरा ध्यान अम्बे माँ करता रहू मै
मेरे शीश ममता की रखियो माँ छाया
महामाया जानू ना मै तेरी माया
कोई डर कोई भूत मुझको लगे ना
कोई शूल संकट का पग मै लगे ना
मुझे ज्ञान की तू सुधा माँ पिलाना
तू अंधकार माँ मेरे मन का मिटाना
मुझे देना 'निर्दोष/संजय मेहता ' चरणन की धुली..
तेरे नाम रत्नों से भर लूँ मै झोली
तेरी भगति बन जाये मन का खजाना
मेरा घर - ग्रहस्थी स्वर्ग सम बनाना
Sanjay mehta
Jai Mata di G






कोई टिप्पणी नहीं: