शनिवार, 8 सितंबर 2012

बासी जल, फुल का पूजा में निषेध By Sanjay Mehta Ludhiana









बासी जल, फुल का पूजा में निषेध

जो फुल , पत्ते और जल बासी हो गये हो, उन्हें देवताओं पर ना चढ़ाये , किन्तु तुलसीदल और गंगाजल बासी नहीं होते. तीर्थो का जल भी बासी नहीं होता. वस्त्र यज्ञोपवित और आभूषण में भी निर्माल्य का दोष नहीं आता. माली के घर में रखे हुए फूलो में बासी-दोष नहीं आता. मणि, रत्न, स्वर्ण, वस्त्र आदि से बनाये गये फुल बासी नहीं होते. इने प्रोक्षण कर चढ़ाना चाहिए.
नारदजी ने 'मानस ' (मन के द्वारा भावित) फुल को सबसे श्रेष्ठ माना है. उन्होंने देवराज इंद्र को बतलाया है कि हजारो-करोड़ो बाह्म फूलो को चढ़ाकर जो फल प्राप्त किया जा सकता है, वह केवल एक मानस-फुल चढाने से प्राप्त हो जाता है. इससे मानस-पुष्प ही उत्तम पुष्प है, बाह्म पुष्प तो निर्माल्य ही होते है, मानस-पुष्प बासी आदि कोई दोष नहीं होता . इसलिए पूजा करते समय मन से भी गढ़कर फुल चढाने का अदभुत आनंद अवश्य प्राप्त करे.

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Sanjay Mehta









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