मंगलवार, 13 मार्च 2012

हनुमान से बोली यूँ माता, क्यों मुख मुझे दिखाया है : hnuman se boli u mata: Sanjay Mehta Ludhiana








हनुमान से बोली यूँ माता, क्यों मुख मुझे दिखाया है
तू वो मेरा लाल नहीं, जिसे मैंने दूध पिलाया है
मैंने ऐसा दूध पिलाया, तुझको क्या बतलाऊ मै
पर्वत के टुकड़े हो जाये, धार अगर जो मारू मै
मेरी कोख से जन्म लिया, और मेरा दूध लजाया है

भेजा था श्री राम के संग में, करना उनकी रखवाली
लक्ष्मण भी गश खा के पड़ा था, रावण ने सीता हर ली
माँ का सीस कभी न उठेगा, कैसा दाग लगाया है
छोटी सी एक लंका जलाकर, अपने मन में गरवाया
रावण को जिन्दा छोड़, और सीता संग नहीं लाया

कभी न मुखको मुख दिखलाना, माँ ने हुक्म सुनाया है
हाथ जोड़कर हनुमत बोले, इसमें दोष नहीं मेरा
श्री राम का हुक्म नहीं था, माँ विशवास करो मेरा
मैंने वो ही काम किया है, श्री राम ने जो बतलाया है

धन्य धन्य अंजनी माता, ऐसे लाल को जन्म दिया
हाथ जोड़कर श्री राम ने, उस देवी को नमन किया
हनुमत पर तुम क्रोध करो ना, यह सब मेरी माया है








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