शुक्रवार, 9 मार्च 2012

हर हर गंगे बोल के सब हर हर गंगे बोल के








चलो सब चलते है हरिद्वार , बहती है जहाँ गंगा की धार
चलो अब हो जाओ तैयार, डुबकी लगाओ बारम्बार ,
हर हर गंगे बोल के सब हर हर गंगे बोल के
हर हर गंगे बोल के सब हर हर गंगे बोल के



गंगे माँ, गंगे माँ , सुन ले मेरी गंगे, सुन ले अर्ज मेरी, गंगे माँ



सावन मे लगते है मेले, गंगा जी धाम पे तेरे
कांवर यह आ कर के सारे , तेरे दर पे आ के लगाते है डेरे
आते है कांवर यह हरिद्वार , भीड़ लगी गंगा के द्वार
चलो अब हो जाओ तैयार, डुबकी लगाओ बारम्बार ,
हर हर गंगे बोल के सब हर हर गंगे बोल के


जय हो. जय हो. गंगे माँ, गंगे माँ, गंगे माँ, मेरी अर्ज सुनो , गंगे माँ , गंगे माँ


जो धाम पे तेरे जाते है. गंगा से मुक्ति पाते है
सब पाप यही रह जाते है. गंगा मे जो डुबकी लगते है
पावन है गंगा की धार, खोले यह मुक्ति के द्वार
चलो अब हो जाओ तैयार, डुबकी लगाओ बारम्बार ,
हर हर गंगे बोल के सब हर हर गंगे बोल के








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