रविवार, 11 मार्च 2012

दुर्गा स्तुति आठवा अध्याय (चमन जी ) : durga stuti eighth chapter (chaman ji ) : sanjay mehta ludhiana







दुर्गा स्तुति आठवा अध्याय (चमन जी ) : durga stuti eighth chapter (chaman ji ) : sanjay mehta ludhiana



काली ने जब कर दिया चंड मुंड का नाश
सुनकर सेना का मरण हुआ निशुम्भ उदास
तभी क्रोध करके बढ़ा आप आगे
इकट्ठे किये दैत्य जो रण से भागे

कुलो की कुले असुरो की ली बुलाई
दिया हुकम अपना उन्हें तब सुनाई
चलो युद्ध भूमि में सैना सजा के
फिरो देवियों का निशा तुम मिटा के

अधायुध और शुम्भ थे दैत्य योद्धा
भरा उनके दिल मई भयंकर क्रोध
असुर रक्तबीज को ले साथ धाये
चले कल के मुह में सैना सजाये

मुनि बोले राजा वह शुम्भ अभिमानी
चला आप भी हाथ में धनुष तानी
जो देवी ने देखा नहीं सैना आई
धनुष की तभी डोरी माँ ने चढाई

वह टंकार सुन गूंजा आकाश सारा
महाकाली ने साथ किलकार मारा
किया सिंह ने भी शब्द फिर भयंकर
आये देवता ब्रह्मा विष्णु व् शंकर

हर एक अंश से रूप देवी ने धारा
वह निज नाम से नाम उनका पुकारा
बनी ब्रह्मा के अंश देवी ब्रह्माणी
चढ़ी हंस माला कमंडल निशानी

चढ़ी बैल त्रिशूल हाथो में लाई
शिवा शक्ति शंकर की जग में कहलाई
वह अम्बा बनी स्वामी कार्तिक की अंशी
चढ़ी गरुड़ आई जो थी विष्णु वंशी

वराह अंश से रूप वाराही आई
वह नरसिंह से नर्सिंघी कहलाई
ऐरावत चढ़ी इन्दर की शक्ति आई
महादेव जी तब यह आज्ञा सुनाई

सभी मिल के दैत्यों का संहार कर दो
सभी अपने अंशो का विस्तार कर दो

दोहा:
इतना कहते ही हुआ भारी शब्द अपार
प्रगटी देवी चंडिका रूप भयानक धार
घोर शब्द से गर्ज क्र कहा शंकर से जाओ
बनो दूत, सन्देश यह दैत्यों को पौह्चाओ

जीवत रहना चाहते हो तो जा बसे पाताल
इन्दर को त्रिलोक का दे , वह राज्य सम्भाल
नहीं तो आये युद्ध मे तज जीवन की आस
इनके रक्त से बुझेगी मह्काली की प्यास

शिव को दूत बनाने से शिवदूती हुआ नाम
इसी चंडी महामाया ने किया घोर संग्राम
दैत्यों ने शिव शम्भू की मानी एक ना बात
चाले युद्ध करने सभी लेकर सैना साथ

आसुरी सैना ने तभी ली सब शक्तिया घेर
चले तीर तलवार तब हुई युद्ध की छेड़
दैत्यों पर सब देविया करने लगी प्रहार
छिन्न भर में होने लगा असुर सैना संहार

दशो दिशाओ मे मचा भयानक हा हा कार
नव दुर्गा का छा रहा था वह तेज अपार
सुन काली की गर्जना हए व्याकुल वीर
चंडी ने त्रिशूल से दिए कलेजे चीर

शिवदूती ने कर लिए भक्षण कई शरीर
अम्बा की तलवार ने कीने दैत्य अधीर
यह संग्राम देख गया दैत्य खीज
तभी युद्ध करने बढ़ा रक्तबीज

गदा जाते ही मारी बलशाली ने
चलाये कई बाण तब काली ने
लगे तीर सिने से वापस फिरे
रक्तबीज के रक्त कतरे गिरे

रुधिर दैत्य का जब जमी पर बहा
हुए प्रगट फिर दैत्य भी लाखहा
फिर उनके रक्त कतरे जितने गिरे
उन्ही से कई दैत्य पैदा हुए

यह बढती हुई सैना देखी जभी
तो घबरा गए देवता भी सभी
विकल हो गई जब सभी शक्तिया
तो चंडी ने महा कालिका से कहा

करो अपनी जीभा का विस्तार तुम
फैलाओ यह मुह अपना एक बार तुम
मेरे शास्त्रों से लहू जो गिरे
वह धरती के बदले जुबां पर पड़े

लहू दैत्यों का सब पिए जाओ तुम
ये लाशे भी भक्षण किये जाओ तुम
न इसका जो गिरने लहू पायेगा
तो मारा असुर निश्चय ही जायेगा

दोहा:-
इतना सुन महाकाली ने किया भयानक वेश
गर्ज से घबराकर हुआ व्याकुल दैत्य नरेश
रक्तबीज ने तब किया चंडी पारी प्रहार
रोक लिया त्रिशूल से जगदम्बे ने वार

तभी क्रोध से चंडिका आगे बढ़ कर आई
अपने खड्ग से दैत्य की गर्दन काट गिराई
शीश कटा तो लहू गिरा चामुंडा गई पी
रक्तबीज के रक्त से सके न निश्चर जी

महाकाली मूह खोल के धाई, दैत्य के रुधिर से प्यास बुझाई
धरती पे लहू गिरने ना पाया, खप्पर भर पे गई महामाया
भयोनाश तब रक्तबीज का , नाची तब प्रसन्न हो कालका
असुर सेना सब दीं संघारी , युद्ध मे भयो कुलाहल भारी


देवता गण तब अति हर्षाये , धरयो शीश शक्ति पद आये
कर जोड़े सब विनय सुनाये, महामाया की स्तुति गाये
चंडिका तब दीनो वारदाना, सब देवं का कियो कल्याण
ख़ुशी से न्रत्य किया शक्ति ने, वार यह 'चमन' दिया शक्ति ने

जो यह पाठ पढ़े या सुनाये, मनवांछित फल मुझ से पाए
उसके शत्रु नाश करूंगी , पूरी उसकी आस करुँगी
माँ सम पुत्र को मै पालूंगी , सभी भंडारे भर डालूंगी

दोहा:
तीन काल है सत्य यह शक्ति का वरदान
नव दुर्गा के पाठ से है सब का कल्याण
भक्ति शक्ति मुक्ति का है यही भंडार
इसी के आसरे ऐ 'चमन' हो भवसागर पार

नवरात्रों मै जो पढ़े देवी के मंदिर जाए
कहे मारकंडे ऋषि मनवांछित फल पाए
वरदाती वरदायनी सब की आस पूजाए
प्रेम सहित महामाया की जो भी स्तुति गाए

सिंह सवारी मईया मी मन मंदिर जब आये
किसी भी संकट मे पढ़ा भक्त नहीं घबराए
किसी जगह भी शुद्ध हो पढ़े या पाठ सुनाये
'चमन' भवानी की कृपा उस पर ही हो जाये
नव दुर्गा के पाठ का आठवा यह अध्याय
निस दिन पढ़े जो प्रेम से शत्रु नाश हो जाये

बोलिए जय माता दी
जय माँ मेरी वैष्णो रानी की
जय माँ मेरी राज रानी की
जय जय माँ
मेरी माँ , प्यारी माँ













8 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

jai maa mere bhi dukh kro maa mere bache7 mahine ho gye mujhse juda h pati ne talak ka case dal rkha plz maa kuch kro

Balaji gas repair center ने कहा…

Mata rani apki sari mano kamna puri karegi, aap ek baar sache dil se maa chintpurni aa kr sharda se matha ragad k vinti karo!! Jai mata di

Unknown ने कहा…

जय माता दी

Unknown ने कहा…

सम्पूर्ण दुर्गा पाठ ऑडियो में देने की कृपा करें धन्यवाद

Unknown ने कहा…

JAI MATA DI

Unknown ने कहा…

Jai Mata di 💐🙏

Unknown ने कहा…

Jai Mata di

Unknown ने कहा…

Jai kara Maa Jhandewali ji da....
Bol saache Darbar ki jai....
Sacchi sarkar ki jai ...
Jai mata di