बुधवार, 15 अगस्त 2012

मेहंदीपुर.. Mehndipur Balaji By Sanjay Mehta Ludhiana







मेहंदीपुर --- यह स्थान जयपुर-बांदीकुई-बसमार्ग पर जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर है, दो पहाडियो के बीच की घाटी में स्थित होने के कारण इसे 'घाटा मेहंदीपुर' भी कहते है, मेहंदीपुर के श्री बालाजी मनौती को पूर्ण करनेवाले है. मुख्यत: भुत-प्रेत, पिशाच, वन्ध्यत्व, लकवा आदि बाधाओ से तो वे मुक्त कर ही देते है - लोगो की ऐसी दृढ श्रधा होने के कारण यहाँ पुरे वर्ष भक्तो , पीडितो तथा यात्रियो का आना -जाना लगा रहता है, यहाँ के प्रमुख देवता तो श्रीबाला जी ही है, परन्तु साथ ही प्रेतराज श्री भैरवनाथ जी भी वैसे ही महत्वपूर्ण है.


जनश्रुति के अनुसार यह देवस्थान लगभग एक हजार वर्ष पुराना है, बहुत पहले वहा कोई मंदिर ना था ... एक बार मंदिर के महंतों में से किसी पूर्वज महंत को श्री बालाजी ने स्वप्न में दर्शन देकर वहां मंदिर स्थापित करके उपासना करने का आदेश दिया तदन्तर उन महंतों ने वहा मंदिर बनवाया. कहा जाता है की मुगुल साम्राज्य में इस मंदिर को तोड़ने के अनेक प्रयास हुए परन्तु सफलता ना मिली, वर्तमान नया मंदिर सौ वर्षो से अधिक पुराना प्रतीत नहीं होता. राजस्थान में यह मंदिर विशेष प्रिसद्ध है..
बोलो श्री बाला जी महाराज की जय, बोलो श्री प्रेतराज श्री भैरव बाबा की जय
बोलो माँ दुर्गा की जय, बोलो माँ राज रानी की जय
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Sanjay Mehta









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