जय जय माँ, जय जय माँ, जय जय माँ
हे मैया मै हु तेरी दासी
तू करुणा की निर्मल गंगा
मै जन्मो की प्यासी
हे मैया मै हु तेरी दासी
अम्बे माँ....... जगदम्बे माँ.....
मन मंदिर में मैया मैंने तेरी ज्योत जला ली
तुझ चरणन की पावल धूलि, माथे मैंने लगा ली
हे मैया मै हु तेरी दासी
अम्बे माँ....... जगदम्बे माँ.....
एक तुम्हारा नाम है सांचा और है बंधन झूठे
जीवन-पथ पर कभी माँ तुम्हारा, प्यार ना मुझसे रूठे
हे मैया मै हु तेरी दासी
अम्बे माँ....... जगदम्बे माँ.....
लाल चुनरिया से माँ अम्बे मेरी काया ढक ले
इत-उत अब माँ क्यों मै भटकू-२
अपने पास ही रख ले
हे मैया मै हु तेरी दासी
अम्बे माँ....... जगदम्बे माँ.....
Sanjay Mehta
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