शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

वंदना

वंदना

नमस्कार जगदम्बे जग की महारानी मेरा घर ग्रहस्थी स्वर्ग सम बनाना , मुझे नेक संतान शक्ति दिलाना सदा मेरे परिवार की रक्षा करना ना अपराधो को मेरे दिल माहि धरना नमस्कार और कोटि परनाम मेरा सदा ही मै जपता रहू नाम तेरा बहुत दीं बलहीन हु मै भवानी दया दृष्टि रखना सदा माँ शिवानी कभी आंच मुझपे माँ आने ना देना माँ दूर अपनी करुना को जाने ना देना तेरी दिव्या ज्योति जगे मन के मंदिर कभी फर्क आये ना माँ उसके अंदर तेरी माला ही हर पल जपता रहू मै तेरा ध्यान अम्बे माँ करता रहू मै मेरे शीश ममता की रखियो माँ छाया महामाया जानू ना मै तेरी माया कोई डर कोई भूत मुझको लगे ना कोई शूल संकट का पग मै लगे ना मुझे ज्ञान की तू सुधा माँ पिलाना तू अँधेरा माँ मन का मिटाना मुझे देना चरणों की धुली तेरे नाम रत्नों से भर लू मै झोली Sanjay Mehta

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