मंगलवार, 18 जनवरी 2011

इक मंदिर है गुफा मै जहा माँ की मूरत है

इक मंदिर है गुफा मै जहा माँ की मूरत है जो दुनिया मै न्यारी ममता की मूरत है चारो तरफ है उस मंदिर के उचे उचे पर्वत प्यारे - ' जय माता दी ' जिसकी किस्मत मै लिखा हो वो जा पाए माँ के द्वारे - 'जय माता दी ' जिस पल जाने का तय कर लो वो ही सफल मुहूर्त है एक मंदिर है गुफा मै .... माँ के चरणों मै गंगा जी रन झुन रन झुन बहती जाए बहते बहते पावन गंगा जगदम्बे की महिमा गाये - 'जय माता दी ' प्रभु की छटा है निराली लगती खुबसूरत है एक मंदिर है गुफा मै .... बारह महीने भगतो का वही आना जाना रहता है हर कोई मधुरस मै डूबा जय माता दी कहता है जिस पर दया हो मैया की उसको किसकी जरूरत है एक मंदिर है गुफा मै .... Sanjay Mehta

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