सोमवार, 10 जनवरी 2011

देखी तेरी दरबार माँ छोटी छोटी कन्याए

देखी तेरी दरबार माँ छोटी छोटी कन्याए लीला करे अपार माँ छोटी छोटी कन्याए हल वो सवाल करे सबको निहाल करे बांटे ये सच्चा प्यार छोटी छोटी कन्याए देखी तेरे दरबार....... मुखमंडल का तेज नियारा, कहते है वो रूप तुम्हारा प्यारी प्यारी , भोली भाली बाते करती बहुत निराली बड़ी दयवान है वो, बेड़े लगाती पार माँ छोटी छोटी कन्या देखी तेरे दरबार....... जो जन उनका करे अनादर , दुःख से भटके वो तो दर दर चरण छुए के जो भी मन से सुखी रहेंगे सुख के धन से , मीठी मीठी बातो से, प्यारी करमाते से देती है कार्य सवार माँ छोटी छोटी कन्याए देखी तेरे दरबार....... हंस के वो थपकी जिनको देती सगरे संकट हर वो लेती तेरी तरह ही है महामाया कोई ना जाने उसकी माया नाम के दिवानो के, जोगी मस्तानो के सपने करे साकार , माँ छोटी छोटी कन्याए देखी तेरे दरबार....... Sanjay Mehta Sanjay Mehta

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