रविवार, 10 जून 2012

क्षमा प्रार्थना : Kshma Prarthna By Sanjay mehta Ludhiana







क्षमा प्रार्थना


परमेश्वरी! मेरे द्वारा रात-दिन सहस्त्रों अपराध होते रहते है. 'यह मेरा दास है' यों समझकर मेरे उन अपराधो को तुम कृपापूर्वक क्षमा करो. परमेश्वरी , मै आह्वान नहीं जानता, विसर्जन करना नहीं जानता तथा पूजा करने का ढंग भी नहीं जानता , माँ मुझे क्षमा करे. देवि सुरेश्वरी! मैंने जो मन्त्रहीन , क्रियाहीन और भक्तिहीन पूजन किया है, वह सब आपकी कृपा से पूर्ण हो. सैंकड़ो अपराध करके भी जो तुम्हारी शरण में जा 'जगदम्ब' कहकर पुकारता है, उसे वह गति प्राप्त होती है, जो ब्रेह्मादी देवताओं के लीये भी सुलभ नहीं है. जगदम्बिके! मै अपराधी हु. किन्तु तुम्हारी शरण में आया हु. इस समय दया का पात्र हु. तुम जैसा चाहो, करो... देवि! परमेश्वरी! अज्ञान से , भूल से अथवा बुद्धि भ्रांत होने के कारण मैंने जो न्यूनता या अधिकता कर दी हो, वह सब क्षमा करो और प्रसन्न होवो . सच्चिदानन्दस्वरूपा परमेश्वरी! जगन्माता कामेश्वरी! तुम प्रेमपूर्वक मेरी यह पूजा स्वीकार करो और मुझ संजय पर प्रसन्न रहो. देवि सुरेश्वरी! तुम गोपनीय से भी गोपनीय वास्तु की रक्षा करनेवाली हो.. मेरे निवेदन किये हुए इस जप को ग्रहण करो. तुम्हारी कृपा से मुझे सिद्धि प्राप्त हो माँ. जय माता दी जी. माँ सब का कल्याण करो.
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