बुधवार, 19 अक्तूबर 2011

माँ और ध्यान भगत की बात







माँ और ध्यान भगत की बात


माँ:- तू भगतो मे भगत मेरा मैंने तेरी भगती मानी है... तोड़ भी दे अभिमान ध्यानु कोन ऐसा अभिमानी है..

ध्यानु जी :- मेरी बचाई लाज री अम्बे तेरी अजब कहानी है .. तीनो लोक मे राज तेरा तू सब से बड़ी महारानी है

माँ:- तेरी भगती से हु खुश मै.. सुन ध्यानु भगत प्यारे .. तेरी भगती से हु खुश मै.. सुन ध्यानु भगत मेरे प्यारे ..
तुने भगती भाव दिखाया सुन मेरी आँखों के तारे.. जान गई तेरे गुण सारे तू भगत मेरा बड़ा ग्यानी है..

ध्यानु जी :- मेरी लाज बचाई री अम्बे तेरी अजब कहानी है .. तीनो लोक मे राज तेरा तू सब से बड़ी महारानी है

ध्यानु जी :- हे अम्बे सुन जगदम्बे तुने मेरा मान बढाया है.. हे अम्बे सुन जगदम्बे तुने मेरा मान बढाया है..
हे ज्योति रूप ज्वाला इस भगत को दर्श दिखाया है..इस भगत को दर्श दिखाया है.. तू सब से बड़ी महामाया है
तू ही तो ज्ग्कल्यानी है

माँ:- तू भगतो मे भगत मेरा मैंने तेरी भगती मानी है... तोड़ भी दे अभिमान ध्यानु कोन ऐसा अभिमानी है..

माँ:- अभिमानी सा वो अकबर चल मेरे दर पे आएगा..

ध्यानु जी :- अभिमान भरा वो मस्तक आ तेरे चरणों मे वो झुकाएगा

माँ:- ध्यानु जगत सरहावेगा जो तुने दी कुर्बानी है
मेरे साथ साथ हे ध्यानु तेरा जग मे चलता नाम रहे -2

ध्यानु जी :- तेरे चरणों मे जगदम्बे मेरा जन्म जन्म प्रणाम रहे

संजय मेहता कहे.. माँ तुम सा ना कोई दानी है
बोलिए माँ ज्वाला देवी की जय..
बोलिए ध्यानु भगत की जय





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