गुरुवार, 22 सितंबर 2011

सच्चा है दरबार शेरा वाली का : Sacha Hai Darbaar.. : Sanjay Mehta Ludhiana








सच्चा है दरबार शेरा वाली का
तू बनजा सेवादार शेरावाली का
सच्चा है दरबार...


माँ बक्श रही भंडारे, है बैठ गुफा के अंदर
ना महिमा बर्नी जाए, एसा है सुंदर मन्दर
ऐसा है सुंदर मन्दर मेहरा वाली का
तू बनजा सेवादार शेरावाली का
सच्चा है दरबार...



यह जगदम्बे महारानी, बक्शे कई अवगुण हमारे..
माँ रूप निराला धारे, और पापी दुष्ट संहारे..
पापी दुष्ट संहारे रूप धर काली का
तू बनजा सेवादार शेरावाली का
सच्चा है दरबार...


दुखियो के दुःख ये हारती, जो आके सिर को झुकाए..
निश्चेय जिनके है मन मे, दीदार वही तो पाए..
दीदार बही तो पाए भवना वाली का..
तू बनजा सेवादार शेरावाली का
सच्चा है दरबार...


इस महामाया की माया , कोई भी समझ ना पाया..
कोई माने या ना माने, 'संजय' ने भेद बताया ..
'संजय' ने भेद बताया कथा निराली का..
तू बनजा सेवादार शेरावाली का
सच्चा है दरबार...



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